
mai or meri sauteli maa ki chudai
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“मैं सुनील, शकील और शेरू तीनो दोस्त दिल्ली में एक ही कमरे में रह कर पढ़ते थे । हम तीनो ही हट्टे कट्टे २२/२३ साल के नौजवान थे । एक साथ रहते रहते हमरी नजदीकियां बढ़ गयीं थी । गर्मी के दिनों मे एक दिन दोपहर मे हम सब ज़मीं पर पड़े सो रहे थे । सबके बदन पर केवल एक एक जांघिया ही थी वह भी ढीली ढाली । सोते सोते मेरी नीद बीच मे खुल गयी । मैंने देखा की शकील का लंड खड़ा है । उसकी नेकर के अन्दर तम्बू बना है । मेरी इच्छा हुई की इसका लौडा देखा जाए । मैंने झांककर देखा तो मालूम हुआ की लंड वास्तव मे टन टना रहा है । उसको देखकर मेरा लौडा साला टन्ना उठा । मैं अपने लंड को सहलाने लगा ।
लंड और गनगना गया । अब वह काबू के बाहर होने लगा । तब मैंने धीरे से उसके नेकर के अन्दर हाथ डाला और चुपके से लौडा बाहर निकाल लिया । उसका चमचमाता हुआ सुपाडा देखकर मेरा लौडा और कड़ा हो गया । उसका लंड पकड़ कर जैसे ही ऊपर नीचे किया साला लौड