छिनाल माँ ने दो लंड से बुर चुदवाई

Chinal maa ki bur chudai story – पहले पार्ट में अपना पढ़ा कैसे मैंने मां को नंगा रिकॉर्ड किया बाथरूम में और कैसे मैंने उनका पिछला किआ और देखा कि सुशील अंकल उनको नंगा कर रहे हैं। अब आगे की कहानी पढ़िये मेरी छिनाल माँ की।

माँ को अंकल ने पूरी तरह से नंगी कर दिया।

Part 1 – लंड की दीवानी मेरी माँ.

माँ का बदन रोशनी में चमकने लगा। वो माँ को यहाँ वहाँ चूमने लगे, जैसे कमर पर.. बगीचे पर.. कान पर… आदि…

माँ भी मदहोश सी होने लगी थी अपना एक हाथ अंकल के लंड पर उनकी पैंट के ऊपर फेरने लगी।

अब अंकल से बर्दाश्त नहीं हुआ.

Chinal maa ki bur chudai xvasna story!

अंकल ने माँ को एक थप्पड़ मारा और बोला – साली कुतिया.. आज तुझे मेरा लंड नहीं.. मेरे बॉस का लंड लेना है… चुप चाप उसे चुदवा ले.. नहीं तो तेरी खैर नहीं.. समझ गई ना साली रांड… साली.. जरूर ले ले उसकी रांड है और नखरे ऊंचे है कुतिया के।

मुझे अंकल की इस बात पर बहुत गुस्सा आया। मैंने सोचा के अंदर जा के माँ को अंकल के चुंगल से आज़ाद करा के ले जाउ और अंकल को जान से मार दू…

मैं ये सोच ही रहा था कि एकदम से उनके कमरे का दरवाजा खुला और एक काला सा मोटा पेट वाला आदमी कोट पेंट में अंदर आ गया।

उसे देखते ही सुशील अंकल बोले – बॉस.. देखिये ये माल है.. ये प्यार तो करती नहीं है मुझसे.. पर मेरे लैंड से चुदने चली आती है.. इसलिए आज मैं इसे आपके पास लाया हूं… ताकि आप इसे जी भरके चोदे और मेरा भला करे… जैसा कि मुझे बैंक का जीएम बना दे”।

हे भगवान! ये साले ने तो माँ को बस जीएम बनने के लिए फ़साया था!

मेरी माँ कितनी नादान थी!

इतनी बार चोद के भी वो इसके गंदे विचारो को समझ नहीं पाई।

बॉस: ठीक है सुशील.. ये अब 1 घंटे के लिए मेरी है.. तुम अब यहीं बैठ के नजारा देखो के इस कुतिया की मैं कैसे बजाता हूं… ये साली आज चलने लायक भी नहीं रहेगी।

मां – प्लीज… मुझे छोड़ दो.. इस कमीने ने मुझे धोखा दिया है.. मुझे फंसाया है.. मैं आपके आगे हाथ जोड़ के विनती करती हूं.. प्लीज प्लीज..

और माँ रोने लगी.

बॉस- चुप कर साली छिनाल… जल्दी से मेरे कपड़े उतार और मेरा काला मोटा लंड मुँह में ले ले।

chinal maa uncle ke mote lund se chudne wali thi
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माँ रोती हुई उठी और बॉस के कपड़े उतारने लगी।

पहले कोट.. फ़िर टाई.. फ़िर शर्ट.. फ़िर जूते और पैंट उतार दी।

उनका नदी वाला कच्चा था।

उसका नाडा खुलते ही माँ डर गई!

क्योंकि उनका लंड बहुत गंदा सा.. काला सा था… ज्यादा लंबा तो नहीं था… 5 इंच का ही था पर मोटा काफी था।

माँ- मैं इसे मुँह में नहीं लुंगी.. ये बहुत गंदा है..

बॉस- चुप कर छिनाल साली.. अब तू क्या तेरी माँ भी लेगी इसे मुँह में..

और बॉस ने माँ को थप्पड़ मारा।

माँ रोने लगी

फिर मां रोते हुए.. आंखों से आंसू पूछते हुए.. आगे बढ़ी और बॉस का काला मोटा लंड अपने मुंह में ले कर चूसने लगी।

बॉस ने माँ के बाल पकड़ लिए और पूरा लंड माँ के मुँह में दे दिया।

माँ को सांस भी नहीं आई काफ़ी देर तक..

माँ के मुँह से जब उसने लंड निकाला तो माँ खसने लगी.. खो खो.. और थूकने लगी..

उनकी आँखे बहार आ गयी थी..

पर फिर भी वो रो रही थी..

शायद अपनी किस्मत पर।

फिर बॉस ने माँ को लिटाया और फटाक से उनकी सूखी चूत में लंड का निशाना लगाया और पूरा लंड अंदर ठोक दिया एक साथ।

माँ की गाल निकल गयी – उई.. माआ… आआहह.. मेरी तो बुर फाड़ दी बॉस आपने……. ऐसा मत करो… आआहह.. प्लीज़…. आआ… उईई… बचाओ…. प्लीज़… निकालो.. आआ… आ….आआ….

वो दना दन शॉट लगाने लगा और माँ को गालियाँ देने लगा – साली कुतिया… छिनाल रंडी… लंड चूसने से मन किया ना.. ये उसकी सज़ा है.. ले और ले… अब चिल्ला साली.. आज तुझे चलने के लिए काबिल भी नहीं रहने दूँगा..

उसने माँ को उसी पोज़ में 20 मिनट तक चोदा..

तबतक माँ 2 बात झड़ गई थी।

फ़िर बॉस ने माँ को कुतिया बना दिया और पीछे से दना दन चोदने लगा।

फिर जा के 30 मिनट में वो खाली हुआ और बोला – अब बोल साली रंडी.. कैसी रह रही चुदाई..?

माँ हांफ रही थी और रो भी रही थी।

ऐसा लग रहा था कि उनका रेप हुआ हो।

उनके चेहरे की रौनक गायब थी, छूट गई थी और वो काफी थक भी गई थी।

सुशील साला अपना लंड पैंट के ऊपर से सहला रहा था।

उसने फिर से अपनी पैंट खोली और अपना 6 इंच का मूसल मां के मुंह में दे दिया।

माँ मन करती रही.. पर वो नहीं मन..

थोड़ी देर बाद उसने माँ की चूचियाँ मसलना शुरू कर दिया..

माँ अब फिर से गरम हो गई और उनका लंड अच्छे से चूसने लगी।

करीब 10 मिनट में उसने अपनी पानी माँ के मुँह में ही चोद दिया।

माँ सारा पानी पी गई.

सुशील बोला- अब बैंक चलते हैं. समय बहुत हो गया है.

ये सुन कर बॉस निकल गया और जल्दी जल्दी सुशील को धन्यवाद बोल के गया और माँ को किस करते हुए पर माँ ने बेमन से किस की।

वो कामिना सुशील बहुत खुश था।

माँ ने रोते रोते कपड़े पहने और सुशील को बोल दिया के अब मैं तुझसे कभी नहीं मिलूंगी।

पर सुशील काना मन्ने वाला था।

वो बोला – तू तो मेरे लंड के नीचे ही आएगी। तेरी यही मजबूरी है रंडी छिनाल. समझे ना..

और उसने माँ के निपल मसल दिये।

माँ कसमसा गई और रोने लगी।

फिर माँ ने कपड़े पहन लिए और वो दोनों भी घर से बाहर आ गए और वापस चल पड़े।

apni nangi chinal maa ko choda
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मैं भी बाहर आ गया दीवार कूद के और चाय वाले की दुकान पर चाय पीते हुए सोचने लगा के आखिर माँ की मजबूरी क्या है.. जो माँ ने ना चाहते हुए भी ऐसा किया।

माँ और सुशील अंकल वाहा फार्महाउस से वैपिस बैंक जाने के लिए निकल चुके थे और मैं वहां बैठा हुआ चाय पीते हुए माँ के बारे में और उनकी मजबूरी के बारे में सोच रहा था।

फिर थोड़ी देर बाद मैं घर के लिए निकल लिया।

घर पहुंच तो देखा कि मेरे दोनों छोटे भाई भी घर आ चुके थे।

थोड़ी देर बाद माँ आ गई।

आज उनके चेहरे पर उदासी नज़र आ रही थी।

मैंने माँ को चौंकाने का सोचा..

मैं- माँ.. आपने पैसे भेज दिये पापा को?

माँ – हा बेटा.

मैं- पर माँ आज आपके पैसे भेजने में ज्यादा देर नहीं लग गई?

माँ- नहीं बेटा.. इतना टाइम तो लगता ही है..

मैं- पर माँ.. हमारी कॉलोनी के एक अंकल भी काम करते हैं..

माँ घबरा गई

माँ – कौन… कौन बेटा??

मैं- मम्मी… सुशील यादव नाम के अंकल.. बहुत इज्जत है उनकी वाह।

माँ – मैं किसी सुशील वुशील को नहीं जानती.. और तू भी उसका नाम मत लिया कर.. जब जानता नहीं तो।

मैं- पर माँ.. आप ऐसा क्यों बोल रही हो? मैं उन्हें जनता नहीं पर मैंने सुना है कि वो बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं बैंक के ग्राहकों का।

इस बात से माँ के चेहरे पर घबराहट साफ दिखने लगी।

माँ – मुझे कुछ नहीं पता.. मैं चली सोने.. मैं थक गई हूँ।

मैं- क्या मां.. आप तो बुरा मान गई.. मैं आपके लिए चाय बनाता हूं.. आपकी थकन उतर जाएगी.. कड़क अदरक वाली चाय।

माँ – ठीक है बेटा.. मैं टीवी वाले कमरे में बैठती हूँ.. तू चाय बना के ले आ..

5-7 मिनट में मैंने 2 कप चाय बनाई, अपने और माँ के लिए।

माँ चाय पीते हुए – चाय तो अच्छी है और कड़क भी है।

मैं- मुझे पता है माँ आपको कड़क चीजें पसंद आती हैं।

माँ – क्या बोला?

मैं- कुछ नहीं माँ.. बस यू ही……

माँ – मैं अब सोने चली..

मैं- माँ थोड़ी देर रुको ना.. बात करते हैं.. सोने के बाद में चली जाना..

माँ- पर बेटा.. मैं काफ़ी थक गई हूँ…। अच्छा चल यहीं पर लेट जाती हूं.. और तू बोल जो तुझे बोलना है।

मैंने अपने मन में सोचा ‘साली 2-2 लंड से चुदके आएगी तो थकेगी ही ना’।

मैं- ठीक है माँ. मैं कह रहा था कि सुशील अंकल की तो शादी हो चुकी है।

माँ – मैं कुछ नहीं जानती.. बोली ना तुझे.

मैं- पर माँ.. मैंने कुछ सुना है उनके बारे में।

माँ – क्या बेटा?

वो घबरा गई थी. उनके माथे से पासेना आने लगा था।

मैं- माँ.. कैसे बता.. आप बुरा समझोगी..

माँ – बोल ना बेटा प्लीज़…उस सुशील के बारे में तुमने क्या सुना?

मैं- माँ.. आप वादा करो.. आप मुझे बुरा नहीं समझोगी..

माँ- ठीक है.. अब बता जल्दी.

मैं माँ की बेकरारी को दर्द सह चुका हूँ। चुकी माँ को अपने रास्ते पर लाना था, तो ये करना पड़ा।

chinal maa ki geeli chut mein mota kaala lund pela
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मैं- ठीक है.. माँ को.. आप भी सुनो। मेरा दोस्त है अभिमन्यु.. यहीं रहता है और सुशील अंकल के साथ क्रिकेट खेलते हैं.. वो बता रहा था के…

माँ- हा.. बोल ना जल्दी प्लीज़.. बेटा जल्दी.. बोल..

मैं- माँ.. आप शांति तो रखो.. मैं बता रहा हूँ… आप इतनी टेंशन में क्यों हो?

माँ- नहीं नहीं बेटा… बस ऐसे ही.. तू बताता ना अपनी बात..

मैं- माँ अभिमन्यु बता रहा था के.. उनकी शादी तो हो चुकी है.. पर फिर भी उनका बाहर 2-3 लड़कियों के साथ चक्कर है.. और वो भी बड़ी उम्र की लड़कियों के साथ भी। वो बड़ा अय्याश टाइप का आदमी है।

माँ – मुझे पता नहीं था बेटा.

शायद अब माँ को एहसास हो चुका है कि मैं सुशील के बारे में बहुत कुछ जानता हूँ.. तो माँ ने भी चुप रहना बेहतर समझा।

और वो यू ही बातें करते-करते सो गई।

मैं उन्हें सोते हुए देखने लगा.

मस्त सा चेहरा.. गोरी गर्दन.. गोरे गोरे हाथ… मोटी चूचियां और मोटी गांड और उनकी गांड की दरार में फंसी हुई सलवार ओये होये.. मेरा पप्पू तन गया!

माँ ने करवट बदल ली सोफ़े पे और अब उनकी पीठ मेरी साइड थी…

मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और मुठ मारी.

फिर मैं अपने कमरे में जाके सोचने लगा कि अब माँ को रंगे हाथ ही पकड़ना पड़ेगा और पूछना पड़ेगा के आख़िर माँ की ऐसी क्या मजबूरी है जो आज दिन में वो सुशील के बॉस से ना चाहेगी भी चुद गई।

मुझे पता लगाना ही पड़ेगा के माँ सुशील के चांगुल में फंसी हुई क्यों है।

तो रात को हम सबने मिलकर खाना खाया और मैं सोने चला गया।

रात को सपने भी मुझे माँ और मेरी सेक्सी बुआ रोली के आते थे।

और मेरे जॉकी में टेंट बन गया था.. लगभाग हर सुबह।

तो आज कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरी सेक्स लाइफ को एक नई मंजिल दे दी।

सुबह हम सब ब्रेकफास्ट कर रहे थे.. कि मेरी बुआ का मेरी मां के पास फोन आया के फूफाजी की ज्यादा दारू पीने की वजह से तबियत खराब हो गई है।

तो माँ ने मुझे बोला – राज, तुम चले जाओ अपनी बुआ के पास दिल्ली और देखो के फूफाजी का क्या हाल है और उन्हें हॉस्पिटल भी ले जाना। क्योंकि तुम्हारे पापा भी घर पर नहीं हैं तो तुम्हें ही वहां जाना पड़ेगा। तुम अपनी बुआ का ख्याल भी रखना और वैसे वहां मोना भी है।

छिनाल माँ की चुदाई की कहानी अगले अंक में जारी रहेगी…