porn kahani xxx – ये मेरे कॉलेज लाइफ की कहानी है जब मे 1स्ट एअर मे था. हमारी क्लास मे ऐक लड़की थी जिस का नाम उज़मा था. बड़े टाइट थे उस के मम्मे, बड़े गोल और सुडोल थे. और खास कर कि उस की बॅक का हिसा यानी उस की गंद देखने से तालूक़ रखती थी ऐक तो जींस इतना टाइट उपेर से कपड़े ऐसी पहन कर आती थी की सारे कॉलेज की नज़रे उस पर होती थी.
जब वो कॉलेज आती थी तो उस की गांद देख कर सब लड़को की लंड खड़े हो जाते थे और उस मे से बेचारे कितने बाथरूम मे जा कर मूठ मारते थे यू तो यह चालू लड़की थी मगर यह हर ऐक से नही चुदवाति थी यह बड़ी बड़ी असामी घेरती थी कोई ना कोई नया बंदा इस को रोज गाड़ी मे छोड़ने आता था.
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मुझे भी मालूम था की यह मॉडर्न रंडी है मेरी भी उस पर नज़र थी मगर अपना ऐक उसूल है की किसी से ज़बरदस्ती नही करते अगर राज़ी खुशी से बात बन जाइ तो बहतेर होता है ऐक दिन मेरी मेरे दोस्त से शर्त लगी कि तू इस को चोद नही सकता मे ने कहा ऐसी बात नही है उस ने कहा ट्राइ कर के देख ले मुझे भी पता था की यह हम जेसे कन्ग्लो को घास नही डाले गी मगर मैं ने सोचा की ऑफर करने मे क्या हर्ज है दो दिन बाद वॉलनटाइन डे था.

मे भी गुलाब और कार्ड ले कर उस की पास चला गया वो उस वक़्त कॉलेज की बँच पर अकेली बैठी थी मे ने उस को गुलाब दिया कार्ड दिया और हॅपी वॉलनटाइन बोला उस का चेहरा तो गुस्से से लाल हो गया था कि मेरी केसे मज़ाल कि मे उस को गुलाब दू खेर मे ने भी तीर चलाया दोनो चीज़ देने के बाद मे ने उस को हॅपी वेलनटाइन कहा और साथ मे अपने लंड को सहलाते हुए उस से कहा हमे भी तो कभी मौका दो हमे भी
अपनी पियास बुझानी है वो एक दम से गुस्से मे आ गई और बोली मेरे साथ सोना तुम जेसे ना मर्द का काम नही पहले मर्द बनो और तुम जैसे कन्ग्लो के मे मुँह नही लगती मे ने कहा ऐक दफ़ा चुदवा कर ट्राइ कर्लो पता चल जाइ गा की मर्द किसे कहते है वो और गुस्से मे आ गई ओर मेरे फूल और कार्ड को ज़मीन पर फेक दिया और पाव से मसल दिया मैं वाहा से चला आया.
मगर दिल मे सोच लिया कि इस उज़मा को तो मे मज़ा चखाउगा यह किसी तरह मेरे जाल मे फस जाइ फिर देखो इस की फुददी केसे फाड़ता हू टाइम निकलता गया जब साल सेशन ख़तम होने लगा तो कोल्लेज वालो ने पिक्निक का प्रोग्राम बनाया फार्म पर जाने का पहले तो पूरी क्लास तय्यार हो गई लेकिन बाद मे आधे से ज़यादा स्टूडेंट ने ना कह दी फार्म तो बुक हो चुका था तो कॉलेज मे यह डिसाइड हुआ की इस पिक्निक पर आप अपने साथ किसी गेस्ट को ला सकते हो मे ने भी
अपने ऐक दोस्त को साथ लिया मुझे पता था कि उज़मा भी इस पिक्निक पर है उस ने अपने ऐक बाय्फ्रेंड को साथ लिया इस बंदे से मेरी सलाम दुआ था क्यूंकी वह अक्सर उज़मा के चक्कर मे कोल्लेज आता था खेर नाइट आउट का प्रोग्राम था वेडनेसडे को जाना था.

हम 4 पी.एम. को निकलने वाले थे मगर 7 तो यही बज गये खैर जैसे तैसे कर के बस चली उज़मा का बॉय फ्रेंड अज़ीम मेरी साथ वाली सीट पर आकर बैठा क्योंकि उस की किसी से दोस्ती नही थी.
मेरी भी थोड़ी बहुत थी बड़ा ही स्मार्ट लड़का था 18 साल की उमर होगी बहुत ही हाड्सॅम था अपनी ज़ुबान मे बोले तो बहुत ही चिकना था वो मेरे साथ बैठा था मगर कंफर्टबल नही था बार बार अपने लंड को अडजेस्ट कर रह था खैर हम फार्म पर पहुँचे काफ़ी बड़ा फार्म हाउस था और सारा फार्म हाउस हम को दे दियाः था बहुत से कमरे थे सब ने अपना समान रखा मे ने जान कर उज़मा के बराबर वाला कमरा लिया.
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सब ने खाना खाया और बाहर लॉन मे आकर बैठ गयी कुछ डियर बाद उज़मा उठ कर अंदर चली गई मैं उस पर नज़र रखे हुए था खैर कुछ देर बाद मे भी उठ कर अपनी कमरे मे आया मुझे सलवार कमीज़ पहनना था ताकी कंफर्ट हो जाउ कमरे मे जाते हुए सोचने लगा कि क्या करू इस उज़मा को केसे फासू मे इस का इंतेज़ाम कर के आया था और प्लाननिग भी बना ली थी.

खैर मे अपने कमरे मे गया और सोचा चलो ज़रा बदन पर पानी डाल कर कपड़े चेंज कर लेता हू मे ने बाथरूम का बल्ब जलाया तो वो फ्यूज था मे ऐसे ही बाथरूम मे चला गया अंदर गया तो मुझे बराबर वाले रूम से बातो की आवाज़ आने लगी यह कमरे इस तरह से बने हुए थे कि ऐक कमरे की बाथ रूम की जाली दोसरे कमरे मे थी.
अगले अंक में जारी..